शबनम सी सादगी फूलों की ताजगी | लेकर मैंने तेरे हुस्न को, संवारा रातों में।
देखा मुझे मुस्कुराकर नजरें, झुका दी कितनी सादगी से, बिजली गिरा दी।
सादगी से जिए , ताकि दूसरे भी जी सकें। MOTHER TERESA